सत्ता मिलते ही केजरीवाल ने बदला रंग, लटक गए मोदी विरोधियों के चेहरे

अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीतते ही मोदी विरोधी खेमे को बड़ा झटका दिया है। केजरीवाल ने अपने शपथग्रहण में किसी भी मोदी विरोधी नेता को नही बुलाया है।

नई दिल्ली। अरविंद केजरीवाल ने चुनाव जीतते ही मोदी विरोधी खेमे को बड़ा झटका दिया है। केजरीवाल ने अपने शपथग्रहण में किसी भी मोदी विरोधी नेता को नही बुलाया है। अरविंद केजरीवाल ने इसकी रणनीति यूँ निकाली है कि सिर्फ दिल्ली की जनता को ही शपथग्रहण में न्योता दिया जाएगा। ऐसे में मोदी विरोधी विपक्ष अपने आप शपथग्रहण के मंच से बाहर हो जाएगा।

अरविंद केजरीवाल ने अपनी एक चाल से एक झटके में ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, स्टालिन और कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी शपथग्रहण के न्योते से बाहर कर दिया। अरविंद केजरीवाल की इस एकला चलो रे की रणनीति से मोदी के विपक्षियों के चेहरे लटक गए हैं। वे इसे अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी का व्यक्तिगत फैसला बताकर संतोष कर रहे हैं।

हालांकि कुछ खेमो से खुलकर विरोध भी शुरू हो गया है। सीएम कमलनाथ के मीडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल पुरानी परंपराओं का उल्लंघन कर रहे हैं। ऐसे समारोह में तो दुश्मनों को भी बुलाया जाता है। अगर वो नहीं बुला रहे तो ये अनुचित है। हालांकि ये उनका व्यक्तिगत मामला है।

हाल ही में संपन्न हुए झारखंड में जेएमएम और कांग्रेस गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में एनडीए विरोधी तमाम नेताओं को आमंत्रित किया गया था। इनमें से अधिकांश नेता पहुंचे भी थे। इस बहाने विपक्षी एकजुटता दिखाने की कोशिश की गई थी। इससे पहले कर्नाटक में भी जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी एकजुटता की तस्वीर ने सुर्खियां बटोरी थी। मगर केजरीवाल ऐसी तस्वीर दिखाने के कतई इच्छुक नही हैं।

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